कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सत्रहवें दिन भी जारी है. किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि वह किसी कीमत पर भी नहीं झुकेंगे. किसानों के आंदोलन को देखते हुए टोल प्लाजा पर सुरक्षा मुस्तैद की जा रही है. किसानों ने कल यानि रविवार को राजस्थान बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है. इसके साथ ही दिल्ली जयपुर हाइवे को बंद करने का ऐलान किया है
Thousands of farmers will begin a tractor march tomorrow at 11 am from Shahjahanpur in Rajasthan and will block Jaipur-Delhi main road. After our nationwide call, all toll plazas of Haryana are free today: Kamal Preet Singh Pannu, Leader, Sanyukta Kisan Andolan https://t.co/QOexvhufO4 pic.twitter.com/P1DMTS4pF7
— ANI (@ANI) December 12, 2020
किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. संशोधन मंजूर नहीं है. हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं. हम आंदोलन को और तेज करेंगे. सरकार चाहती है कि इसे लटका दिया जाए, लेकिन हमारे गांव से लोग चल पड़े हैं. लोग आ न सके इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, वो भी तोड़ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है. कल राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे. 14 दिसंबर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे. हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे.अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लगातार कदमों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि असल में सरकार किसानों की मुक्त समस्या तीन खेती के कानून और बिजली बिल 2020 की वापसी को हल नहीं करना चाहती |
On 14th Dec, all farmer leaders will sit on a fast sharing same stage at Singhu border. We want govt to take back 3 Farm bills, we're not in favour of amendments. Centre wants to thwart our movement but we'll continue it peacefully: Kamal Preet Singh Pannu, Sanyukta Kisan Andolan pic.twitter.com/HTqQd0mgN9
— ANI (@ANI) December 12, 2020
अपने जिद्दी रवैये को छिपाने के लिए वह इस तरह के कदम उठा रही है. पहले केन्द्र सरकार ने दावा किया कि किसानों का यह आंदोलन राजनीतिक दलों द्वारा प्रोत्साहित है. फिर उसने कहा कि यह विदेशी ताकतों द्वारा प्रोत्साहित है, इसके बाद उसने कहा कि यह पंजाब का आंदोलन है, जिसमें खालिस्तान पक्षधर ताकतें भाग ले रही हैं. इसके बाद कहा कि किसान संगठन वार्ता से बच रहे हैं जबकि हमने सभी वार्ताओं में भाग लिया, किसी वार्ता में जाने से मना नहीं किया और विस्तार से सरकार को अपना पक्ष समझाया और कहा कि वह साफ करे कि वह कानून वापस लेगी या नहीं. सच यह है कि सरकार के पास किसानों से बात करने के लिए कुछ है ही नहीं
It's my responsibility as representative of farmers to secure their rights. I discussed the matter with Union Ministers, I'm hopeful that a way will be found with mutual consent & the standoff will be resolved. The Centre is positive: Haryana Dy CM Dushyant Chautala https://t.co/83ZLR6m9d5
— ANI (@ANI) December 12, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलने के बाद हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार समाधान निकालने की कोशिश कर रही है. आपसी सहमति से हल निकलेगा. उन्होंने कहा कि जल्द 7वें दौर की बातचीत होगी. 48 घंटे में समाधान निकलने की उम्मीद है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हल बातचीत से ही निकलेगा.
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