कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया, “तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया, "तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा।" #farmersrprotest pic.twitter.com/6Zk2zWbcBH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2021
दिल्ली के सर्द मौसम में किसान खुले आसमान के नीचे बैठे हैं. 1 जनवरी को दिल्ली का तापमान भी 1 डिग्री के आसपास है, लेकिन किसान आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.किसानों के प्रदर्शन के कारण चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. हाइवे पूरी तरह से बंद है और लोगों से डीएनडी से जाने की हिदायत दी जारी है.बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर 1 जनवरी को 80 किसान संगठनों की 2 बजे बैठक है. इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर सहमति बन गई थी. चार जनवरी को आठवें दौर की बैठक तय की गई है. इस बैठक से पहले किसान आगे की रणनीति बनाएंगे.
छठे दौर की बातचीत के लिए 4 मुद्दे थे. पहला और सबसे अहम मुद्दा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का था. दूसरा एमएसपी को कानूनी दर्जा दिए जाने और तीसरा मुद्दा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत कठोर प्रावधानों के दायरे से किसानों को बाहर रखना था. इसके अलावा चौथा मुद्दा विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लेने का था.
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